यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2011 (YUCA 2011)
वर्ष 2010 के लिये द्वितीय यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स (Young Uttarakhand Cine Awards 2011) का सफल आयोजन दिल्ली के सिरीफोर्ट सभागार (Siri Fort Auditorium Delhi) में दिनांक 20 फरवरी 2011 को किया गया । इस कार्यक्रम में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष हरवंश कपूर, बॉलीवुड की मशहूर हस्ती धर्मेश तिवारी, राहुल कुमार, इत्यादि प्रमुख थे। यंग उत्तराखंड टीम ने इस कार्यक्रम में लोकगायक और एक्टिविस्ट गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ को भावभीनी श्रधांजलि दी।
इस समारोह में रचिता कुकरेती, संजय सिलोड़ी, आशु जौन ग्रुप, और किशन महिपाल ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां से दर्शकों का मन मोह लिया । उत्तरकाशी से आये लोक कलाकारों ने अपने पांडव लोकनृत्य से अलग ही समां बाँधा । उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोककलाकार और लोकगायिका कबूतरी देवी को इस अवसर पर महान लोकगायिका का सम्मान प्रदान किया गया। इसी क्रम में पाराशर गौड को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से नवाजा गया ।
इस वर्ष जूरी सदस्य टीम में हरि सेमवाल, दिनेश बिजल्वान, चन्द्रमोहन ज्योति, सुरेश नौटियाल, हीरा सिंह राणा, लक्ष्मी रावत, कुसुम बिष्ट, श्रवण भरद्वाज, भास्कर जोशी, डॉ सुवर्ण रावत, शिवदत्त पंत, और सतीश कालेश्वरी जी थे।
वर्ष 2010 में फिल्मों और एल्बमों में किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए निम्न श्रेणियों में कलाकारों को नामांकित किया गया |
सर्वश्रेष्ठ गीतकार:- किशन महिपाल — सुनिंदी रात्यों मां ( समन्या बौजी ), महावीर बडोला — मेरा पहाडा ( बिगरेली दिखेणी छै ) , मोहन सिंह पटवाल — हल्या का कंधा मां (रंगीलो प्राण), नरेन्द्र सिंह नेगी — बिन्सिरी की बेला (सलण्या स्याली), और संजय पाल — मेरो पहाड़ (तेरी आंख्यु देखि)।
सर्वश्रेष्ठ गायक:- चन्द्र सिंह राही — म्यार पहाड़ा ( बिगरेली दिखेणी छै ) , किशन महिपाल — सुनिंदी रात्यों मां ( समन्या बौजी ), ललित मोहन जोशी — रानीखेता की बान (तू मेरी नसीब), नरेन्द्र सिंह नेगी — चल म्यारा थौला (सलण्या स्याली), प्रीतम भरतवाण — बैरी गांव कु (भाना ), और वीरेंद्र राजपूत — धनमा मेरी धनमा ( बिंद्रा)।
सर्वश्रेष्ठ गायिका:- गीतिका असवाल — या कनी ड्यूटी (सलण्या स्याली), मंजू सुंदरियाल — बाटू च समारू (सलण्या स्याली), मधूलिका नेगी — औ लाड़ी (तेरी आंख्यु देखि), मीना राणा — औ बुलाणु यो पहाडा (दिन जवानी चार), और मीना राणा — हिट ओ भीना (तू मेरी नसीब )।
सर्वश्रेष्ठ संगीतकार:- किशन महिपाल — समन्या बौजी, नरेन्द्र सिंह नेगी — सलण्या स्याली, प्रीतम भरतवाण दृ भाना, संजय कुमोला — तू मेरी नसीब, वीरेंद्र नेगी — बिगरेली दिखेणी छैं।
सर्वश्रेष्ठ एल्बम निर्देशक:- किशन महिपाल — समन्या बौजी, अनिल बिष्ट — सलण्या स्याली, अरविन्द नेगी — तू मेरी नसीब, संजय पाल — तेरी आंख्यु देखि, और विजय भारती — भाना।
सर्वश्रेष्ठ एल्बम:- तू मेरी नसीब, तेरी आंख्यु देखि, भाना, समन्या बौजी , और सलण्या स्याली।
सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार:- देवेन्द्र रावत दृ गुल्लू, हर्षपति रयाल — घन्ना भाई चालबाज़, पन्नू गुसाईं — कभी त होली सुबेर, रमेश रावत — गुल्लू, और सुनील घिल्डियाल द – संजोग।
सर्वश्रेष्ठ खलअभिनेता:- घनानंद — घन्ना भाई चालबाज़, पन्नू गुसाईं — छम घुंघुरू, प्रदीप जोशी — मां के आंसू , राजेश मालगुडी — छम घुंघुरू।
सर्वश्रेष्ठ छायाकार:- अमित दुआ — छम घुंघरू, बलबीर रावत — संजोग, हरीश नेगी दृ कबि त होली सुबेर, जयदेव भट्टाचार्य — याद आली टिहरी।
सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेता:- दीवान सिंह वल्दिया — बिखपति नारैण, गोकुल पंवार — कबि त होली सुबेर, राकेश गौड़ द कबि त होली सुबेर, राकेश गौड़ — छम घुंघुरू , रोशन धस्माना — याद आली टिहरी।
सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री:- गीता नेगी – मां के आंसू, जयंती धामी — बिखपति नारैण, मंजू बहुगुणा — याद आली टिहरी, संगीता नेगी — छम घुंघुरू, संध्या डबराल — छम घुंघुरू।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता:- अविनाश ध्यानी — कबि त होली सुबेर, मदन डुकलान — याद आली टिहरी , पदमेंद्र रावत — घन्नाभाई चालबाज़, राम नेगी — संजोग , और संजय सिलोड़ी दृ मां के आंसू।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री:- बीना रावत — कबि त होली सुबेर, उमा राणा — याद आली टिहरी , रीना रावत — घन्ना भाई चालबाज़, रचिता कुकरेती — मां के आंसू , और निकिता बुटोला — छम घुंघुरू।
सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्देशक:- अनुज जोशी — याद आली टिहरी, अनुज जोशी — कबि त होली सुबेर , ब्रिज रावत — घन्ना भाई चालबाज़, राकेश मधुसुदन — मां के आंसू , और सुशीला रावत — छम घुंघुरू।
सर्वश्रेष्ठ फिल्म:- याद आली टिहरी, कबि त होली सुबेर ,घन्ना भाई चालबाज़, माँ के आंसू और छम घुंघुरू।